कत्ल
कत्ल
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गरीब की झोली में
चंद सिक्के डाल
सो गई अमीरी
सदा के लिए
मजलूम की चीखें
सुनाई नहीं देती
चलते हुए बाजार में
कड़कती धूप में
जलते हैं पाॅंव जिसके
खुदाया उस पर
करम अपना रखना
ना क़त्ल हो
इंसानियत का
बस इतना फकत
भरम रखना