वो औरत
वो औरत
एक आंख जिसकी घर की बरकतों पे रहती है
दूसरी आंख अपने पति की हरकतों पे रहती हैं
तीसरी आंख से बच्चों पे ममत्व लुटाती रहती है
चौथी आंख से सामाजिक परंपराएं निभाती है
पांचवीं आंख से ऑफिस का काम निपटाती है
छठी आंख सोशल मीडिया से रूबरू कराती है
सातवीं आंख जमाने भर की खबरों पे रहती है
आठवीं किटी पार्टियों की गॉसिप में खोई रहती है
नौवीं आंख घड़ी की सुई पे हरदम टिकी रहती है
वो औरत है जो दो आंखों से दस का काम लेती है
