वक़्त
वक़्त
वक्त तू कितना भी परेशान कर ले मैं नहीं हूँ रुकने वाली,
ऊर्जा है मुझमें अपरम्पार मैं नहीं हूँ कभी थकने वाली।
बाजूओ में मेरे अभी भी इतनी ताकत है,
याद रखना किसी मोड़ पर हूँ मैं तुम को बदलने वाली।
हम भी भीगते रहे बारिशों में कुछ दिल में उम्मीद लिए,
तू दे मुझे तकलीफें कितने ऐ वक्त मैं नहीं हूँ थमने वाली।
दगा अगर तू दे भी देगा पर जिदंगी मेरी नहीं रुकेगी,
भरोसा है खुद के कर्मों पर असफलता मुझे न छलने वाली।
खफा क्यूँ होता है वक्त तू मुझसे और इतनी भी बेरूखी क्यूँ,
सादा सा सवाल है जिदंगी जवाब मिले ना मिले यूँ ही ये चलने वाली।