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Soubhagya Pattanaik

Tragedy Others

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Soubhagya Pattanaik

Tragedy Others

वक्त

वक्त

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दोस्ती सब नाम के सबको वक्त अपने लिए चाहिए,

कोई याद न करे, अकेले ही पड़े रहिए।


कुछ बातें कुछ यादें हवाओं में गुम हो जाते,

जैसे लोग मतलब के लिए मुंह दिखाते।


रिश्तेदार दोस्त प्यार सब नाम के है,

जो भी करना वो तो अकेले ही है।


जब मन हो उदास खुद अकेले गम में डूबे रहना, 

कोई ना समझेगा मुझे, तो क्यों कुछ कहना? 


नहीं याद वे लोग आते, नहीं करनी बात,

क्योंकि लोग तभी करेंगे बात जब खुद बैठे हो खाली हाथ। 


कोई नहीं साथ खड़ा, मतलब पे याद करेंगे

खुशी के समय नहीं पूछेंगे तुम्हें, अकेला कर चले जायेंगे।


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