विषय क्रमांक -1पूजा
विषय क्रमांक -1पूजा
दया करुणा का सागर,
भर देती है प्रेम का गागर।
हे शारदे तुम्हें सत सत नमन,
धन्य करो हमें आशीष देकर।।१।।
तू घट घट की वासी,
संत महात्माओं की दासी।
जिसने की तेरी भक्ति ,
उसके कंठ में तू समाती।।२।।
मंदिर मंदिर में भटकी,
लेकर पूजा की थाली
भावना के पुष्प चढ़ाने,
भर दो खुशियों
से झोली।।3।।
करती हूँ भक्ति भाव,
से तेरी आराधना
हे शारदे माँ अपनी कृपा,
हम पर बनाए रखना।।4।।
भक्तों की करती हर,
मनो कामना पूरी ।
जिंदगी में ना रहे ,
किसी की तमन्ना अधूरी ।।5।।