संदीप सिंधवाल

Inspirational

4.6  

संदीप सिंधवाल

Inspirational

विश्व हिंदी दिवस

विश्व हिंदी दिवस

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हिंदी और हिंदुस्तान की बात करूं मैं।

गौरव और अभिमान की बात करूं मै।।


हिंदी शब्दकोश अथाह सागर सा 

भाव शैली सहज सरल सरस सा 

बोली में मधुर संबंध अपना सा 

लेखनी में वरदान देव तुल्य सा।


प्रेम संग भाष संज्ञान की बात करूं मैं।

हिंदी और हिंदुस्तान की बात करूं मैं।।


हिंदी में सम्बन्धों का समान अपार है

वात्सल्य करुण श्रृंगार की भरमार है

ग्रन्थ-पुराण-वेदों में अस्तित्व प्रमाण है

संहिताओं में आचार्यों का विधान है।


इस मिट्टी के कृष्ण राम की बात करूं मैं

हिंदी और हिंदुस्तान की बात करूं मैं।।


हिंदी एक उमंग है मन का तरंग है

हिंदी त्योहार है, दैवीय उपहार है

हिंदी बढ़ती पीढ़ी है, समृद्धि सीढ़ी है

हिंदी कल आज है सम्पूर्ण समाज है।


विवेकानंद विख्यात विद्वान की बात करूं मै

हिंदी और हिंदुस्तान की बात करूं मैं।।


संस्कृत ही हर भाषा की जननी है

सितारों के अस्तित्व की रजनी है

हिंदी चरित्र में गहनों सी सजती है

अंतर्मन में ज्ञान साज सी बजती है।


हिंदी से सजे गुलिस्तान की बात करूं मैं

हिंदी और हिंदुस्तान की बात करूं मैं।।


अपनी बोली बोलने में सहजता है

विचारों को समझाने में सरलता है

ओपचारिक नहीं होना पड़ता है

एक भाषा से राष्ट्र गौरव बढ़ता है।


अपने नाम अपने पहचान की बात करूं मैं

हिंदी और हिंदुस्तान की बात करूं मैं।।


योग को जिन्होने योगा बनाया है

राम को जिन्होने रामा बनाया है

हुकूमत बन शब्दों को बिगाड़ा है

शब्दों को गैर भाषा से चुराया है।


अंग्रेजी इंगलिष्तान की क्या बात करूं मैं

हिंदी और हिंदुस्तान की बात करूं मैं।।


क्यों हिंदी दिवस की जरूरत पड़ी

क्यों अंग्रेजी के सामने बौनी खड़ी

क्यों साहित्य कागजों में ही सिमटा

जबाब हमारी जीभ में ही अटका।


इतिहास के अमिट निशान की बात करूं मै।

हिंदी और हिंदुस्तान की बात करूं मैं।।


नवयुग में इसे नई पहचान दिलाना है

अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक इसे पहुंचाना है

मोदी विवेकानंद की राह चलना है

विश्व को हिंदी से अवगत कराना है।


भविष्य की नई पहचान की बात करूं मैं

हिंदी और हिंदुस्तान की बात करूं मैं।।




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