वीरता
वीरता
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यही तो उलझन है रात दिन,
खुदी को गढ़ना है रात दिन...
दुनिया की अब क्या बात कहे,
दुनिया तो शोर मचाती है..
हमें तो बढ़ना है रात दिन,
ये जोश रखना है रात दिन..
नियम ज़माने के कठिन हैं,
इन्हें निभाएंगे रात दिन..
पर अपने सपनों को जी सकें,
वो राह खोजेंगे रात दिन..
नहीं है आसां ये इंतेहा,
चलना है उल्टी दिशा यहां..
कोई ना रोके अब राह में,
हम चल पड़े हैं रात-दिन...
निगाहें अपनी बुलंद किए,
बड़ी वीरता दिल में लिए...
सभी से छुपकर तराशते,
अपने हुनर को अब रात दिन..
यही तो उलझन है रात दिन,
खुदी को गढ़ना है रात दिन..