खेल भावना एवं अनुशासन
खेल भावना एवं अनुशासन
मार्चिंग एक क्रिया है ऐसी,
जो निश्चित क्रम में की जाती।
आदेशों को सुन करके,
ध्यान से पालन की जाती।।
सावधान में स्थिति में,
पैर की एड़ियाँ जुड़ी रहेंगी।
घुटने सीधे, गर्दन सीधी,
हाथ की मुट्ठियाँ बन्द रहेंगी।।
दोनों पंजों के मध्य में,
30 डिग्री का कोण बने।
हाथ शरीर से सटे रहें,
नेत्र सामने रहे तने।।
हार जीत हर खेल में होती,
कोई जीते कोई हारे।
सदा जीतना सम्भव है क्या?
सोचें जरा विचारे।।
करें हार स्वीकार
जीत की फिर से करें तैयारी।
जीत-हार जीवन के पहलू,
आते बारी-बारी।।
जब भी जीतें खेल में,
नहीं करें अहंकार।
अपने प्रतिद्वन्दी के लिए,
उत्तम रखे विचार।।
जीतना ही महत्त्वपूर्ण नहीं है,
महत्त्वपूर्ण है प्रतिभाग करना।
बिशप पेन्सिल्वानिया की उक्ति सिखाती खेल भावना।।