वीरों का बलिदान(बाल कविता)
वीरों का बलिदान(बाल कविता)
वीरों की भूमि, जहाँ गूंजे जयघोष
शौर्य की गाथा, जहां इतिहास का बोध,
कण कण में बिखरी, गर्व की परछाई
हर हृदय में है यहां, वीरता समाई।
शस्त्र उठे जब जब, धर्म की रक्षा को
युद्ध में तपे योद्धा, झुके न झंझा को,
रणभेरी बजती, गगन चीरते स्वर,
हर बलिदानी की गाथा, यहां है अमर।
सिंह सी दहाड़, रण में जलती ज्वाला,
प्राणों से खेले, न छोड़ा विजय का प्याला।
हर वार उनके, थे बिजली से तेज,
मातृभूमि को दे गए, अमरत्व का संदेश।
गर्व करो उन पर, जो मिटे न थके
स्वाभिमान के दीप, अंत तक जलते रहे,
उनकी गाथाएं रहेंगी, युगों तक अमर
शौर्य की रण भेरी, गूंजेगी हर प्रहर।
