वीर जवान
वीर जवान
छोड़ गए वो उस कागज़ को,
भेजा जिसमें प्यार का पैगाम था;
छिड़क के अपने खून की स्याही को,
प्यार वो अपना अमर कर गए।
चूम के धरा के होठ वो फ़ना हो गए,
बहा के लहू अपना धरा को वो सींच गए;
कर दी दूर सारी ग़लतफ़हमियां हमारी,
वतन पे होके कुर्बान वो सच्चा प्यार सिखा गए।