Suresh Koundal

Inspirational

4.8  

Suresh Koundal

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वीर जवान सरहद के प्रहरी

वीर जवान सरहद के प्रहरी

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डटे प्रहरी सीमा पर, भारत के रखवाले ।

खड़े हैं वीर जवान देश के , मतवाले सीना ताने ।।


हों ऊंचे पहाड़ , या उठती लहरें ,

भयानक जंगल , या दहकती लपटें ,

कभी नही घबराते ।

कितनी बड़ी मुसीबत हो पग में , 

आगे बढ़ते जाते ।।


बारिश हो या हो तूफान ,

समंदर ले चाहे भयंकर ऊफान ,

कारगिल , डोकलाम या हो गलवान ।

भिड़ जाते दुश्मन से , ले हथेली पर जान ।

अपने प्राण लुटा देते पर,

झुकने न देते देश की आन ।।


बारूद फ़टे या हो गोलियों की बौछार ।

शत्रु से लोहा लेने को ,

हर पल ये शूरवीर तैयार ।

इस तिरंगे की शान की खातिर ,

करते अपनी जान निसार ।।


जब जब दुश्मन ने देश पर आंख उठाई ,

देश की अस्मिता खतरे में आई ।

सर्जिकल स्ट्राइक कर दुश्मन पर,

उनकी जमीन पर लाशें बिछाईं ।

खेली शत्रु के खून की होली 

रणभूमि में धूल चटाई ।।


नमन उन वीर जवानों को ,

जिन्होंने देश के कल के लिए ,

अपना आज कुर्बान किया ,

भारत माँ की रक्षा खातिर ,

खुद को देश के नाम किया ।


जिनके कारण हम सब बेफिक्र ,

अपने अपने घर पर बैठे हैं ।

देश पर मरने वाले सैनिक , 

वो भी किसी के बेटे हैं ।


मेरे देश के प्यारो तुम सब ,

बस इतना सा काम करो ।

देश के वीर सैनिक का , 

हमेशा तुम सम्मान करो ।।


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