वीर जवान सरहद के प्रहरी
वीर जवान सरहद के प्रहरी
डटे प्रहरी सीमा पर, भारत के रखवाले ।
खड़े हैं वीर जवान देश के , मतवाले सीना ताने ।।
हों ऊंचे पहाड़ , या उठती लहरें ,
भयानक जंगल , या दहकती लपटें ,
कभी नही घबराते ।
कितनी बड़ी मुसीबत हो पग में ,
आगे बढ़ते जाते ।।
बारिश हो या हो तूफान ,
समंदर ले चाहे भयंकर ऊफान ,
कारगिल , डोकलाम या हो गलवान ।
भिड़ जाते दुश्मन से , ले हथेली पर जान ।
अपने प्राण लुटा देते पर,
झुकने न देते देश की आन ।।
बारूद फ़टे या हो गोलियों की बौछार ।
शत्रु से लोहा लेने को ,
हर पल ये शूरवीर तैयार ।
इस तिरंगे की शान की खातिर ,
करते अपनी जान निसार ।।
जब जब दुश्मन ने देश पर आंख उठाई ,
देश की अस्मिता खतरे में आई ।
सर्जिकल स्ट्राइक कर दुश्मन पर,
उनकी जमीन पर लाशें बिछाईं ।
खेली शत्रु के खून की होली
रणभूमि में धूल चटाई ।।
नमन उन वीर जवानों को ,
जिन्होंने देश के कल के लिए ,
अपना आज कुर्बान किया ,
भारत माँ की रक्षा खातिर ,
खुद को देश के नाम किया ।
जिनके कारण हम सब बेफिक्र ,
अपने अपने घर पर बैठे हैं ।
देश पर मरने वाले सैनिक ,
वो भी किसी के बेटे हैं ।
मेरे देश के प्यारो तुम सब ,
बस इतना सा काम करो ।
देश के वीर सैनिक का ,
हमेशा तुम सम्मान करो ।।