" वीणावादिनी वर दे "
" वीणावादिनी वर दे "
वर दो! वीणावादिनी वर दो!
आई माघ शुक्ल पंचमी
प्रागट्य दिवस माँ शारदा का
करते नमन, वंदन नित हम
करो दूर तम, ज्ञान का प्रकाश भर दो
वीणा की मधुर झंकार छेड़ दो
तन- मन सबका उल्लसित कर दो.
वर दो, वीणावादिनी वर दो.
झूठ, फरेब ना रहे देश में
सबको खुशहाली माँ दे दो.
कोई कृषक ना भूखा रहे माँ
उसका घर -आंगन भर दो
बहकावे में ना फंस जाए वह
ना असमय मृत्यु को वारे
मार्गदर्शन माँ उसका कर दो
वर दो, वीणावादिनी वर दो.
श्वेतवर्णी, हंसारूढ माँ जग जननी
वेदों की जननी, विद्या की देवी
मेरी जिव्हा पर विराजो
कर सकूँ गुणगान तुम्हारा माँ
आवाज बुलंद कर दो.
करती 'चंदा' बारम्बार नमन
स्वीकार करो, अपना लो माँ
वर दो, वीणावादिनी वर दो.