वही अहंकार
वही अहंकार
वही अंहकार जिसे तुम तोड़ना चाहते हो
उसी में मेरी ऊर्जा का बीज छुपा है
वर्ना मैं तो मरा हुआ हूं
अकेला डरा स्तब्ध खड़ा हुआ हूँ
इसे मैं तजता नही,
इसलिए मेरी पहचान बची हुई है
यह,वही अहंकार है जिसे
तुम तोड़ना चाहते हो
वही अहंकार जिसे तुम तोडना चाहते हो,
उसी में तो मेरी सारी ऊर्जा बंधी हुई है
मानता हूं, विघ्न हुई है
पर बिल्कुल सधी हुई हैं
मानता हूं चोटिल हैं
पर अपने प्रण पे कसी हुई हैं
यह, वही अहंकार है
जिसे तुम तोड़ना चाहते हो
वही अहंकार जिसे तुम तोडना चाहते हो,
मेरे पाने की जिद्द से जुड़ी हुई है
मानता हूं कि थोड़ी भटकी हुई हैं,
पर मेरी जान इन्हीं कारको में अटकी हुई है
यही है जो मुझे सख़्त करती है,
मेरी वेदनाओं में मेरे कष्ट में
मुझे पिघलने से बचाती हैं
और तुम जो मुझे यहाँ पाते हो
विपरीत परिस्थितियों में,
मुझे आदमी सा बुलाते हो
यह, वही अहंकार है
जिसे तुम तोड़ना चाहते हो
वही अहंकार जिसे
तुम तोड़ना चाहते हो,
न रहे, तो न रहेगा
उजाले में भी अहंकार न मिटेगा
न गर्मजोशी न हार से उबरने का मादा
न प्रेरणा का स्रोत न छलाँग मारने का इरादा
सब शून्य सब विरक्त सब शिथिल
और यह, वही अहंकार
जिसे तुम तोड़ना चाहते हो।
