वह पुरानी बातें
वह पुरानी बातें
वह खुशहाल दिन, और वह सुकून भरी रातें
बहुत याद आती हैं, अब वह पुरानी बातें
उम्र बड़ी छोटी सी थी, जब घुटनों के बल चलते थे
रात दिन जब हमारे, बस हमसे ही ढलते थे
तो बाते उस दौर की, भले न रही जहन में
तस्वीरों ने जिंदा रखे हैं, कुछ लम्हें आज भी नयन में
नन्हे बच्चे में देख खुदको, अब रहते हैं मुस्कुराते
बहुत याद आती हैं, अब वह पुरानी बातें
जब जुड़ा था जिंदगी के, सुहाने सपनों से नाता
स्कूल का वह पहला दिन, अब याद तो नहीं आता
<p>मगर सफर तो यू बसा हैं दिल में, जैसे समंदर में मोती
जो चमकते हैं नैनों में, जब यादें पलके हैं भिगोती
काश वह दिन लौट आए, दुबारा बन के सौगातें
बहुत याद आती हैं, अब वह पुरानी बातें
गगन में तारों का पहरा, उसमें चांद का चेहरा
बचपन मेरा वैसे ही, यादों के बीच हैं ठहरा
कभी बारिश की बूंदे न आसमान छूती हैं जमीं से
एक बारी छूटा पल, न लौटे अश्कों की नमी से
किस्से बहते पानी के, झरने नदिया हैं सुनाते
बहुत याद आती हैं, अब वह पुरानी बातें।