वैलेंटाइन ट्वेंटी-20
वैलेंटाइन ट्वेंटी-20
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आशा और निराशा
दोनों ही साथ थी,
यह पता लगाना मुश्किल था
आखिर मैं खुशियां या गम
किसके ज्यादा पास थी !
इंतजार कर गई अपने यार की
अब आएगा संदेशा
वैलेंटाइन डे की !
ना आया कोई संदेशा
ना ही फोन कॉल,
इस सोच में हो गई मैं बेहाल !
ऐसा लगा कर दूं मैं ही
एक बार फोन कॉल
और कर लूं सारी प्लानिंग और
प्लॉटिंग मिलकर एक साथ !
लेकिन दिन बीत गया,
ना मैंने कुछ किया ना उसने !
आखिर यह पता चला
मैं निराशा और गम दोनों के साथ थी !