STORYMIRROR

Ranjana Gupta

Drama

3  

Ranjana Gupta

Drama

दूरियां क्यों ?

दूरियां क्यों ?

1 min
274

आज तक यह समझ ना आया,

दिल और दिमाग के बीच

यह दूरियां क्यों डाला ?

दिमाग ने कुछ और चाहा

और दिल ने कुछ और ही ढूंढ निकाला !


चाहा आदर्श वर, बंगला, गाड़ी और सब

मगर मिला सिर्फ वर !

जिसका दिमाग चलता था थोड़ा कम,

लेकिन हरकतें ना थी चाचा चौधरी से कम !


सबको हंसाता और खुद भी हंसता रहता,

ऐसा लगता मानो वह एक्टिंग करता रहता !

उसकी बोल और मुस्कान पर,

हम दिल दे चुके सनम!

वह इतना पसंद आया कि

सब पुराने बीते पल भूल चुके हम !


दिमाग ने कुछ और चाहा

और दिल ने कुछ और ही ढूंढ निकाला !

बाद में यह समझ आया

दिल जिसे ढूंढता है,


दिमाग वहीं लगा रहता है

इसलिए आज तक यह समझ ना आया

दिल और दिमाग के बीच

यह दूरियां क्यों डाला ?


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama