दूरियां क्यों ?
दूरियां क्यों ?
आज तक यह समझ ना आया,
दिल और दिमाग के बीच
यह दूरियां क्यों डाला ?
दिमाग ने कुछ और चाहा
और दिल ने कुछ और ही ढूंढ निकाला !
चाहा आदर्श वर, बंगला, गाड़ी और सब
मगर मिला सिर्फ वर !
जिसका दिमाग चलता था थोड़ा कम,
लेकिन हरकतें ना थी चाचा चौधरी से कम !
सबको हंसाता और खुद भी हंसता रहता,
ऐसा लगता मानो वह एक्टिंग करता रहता !
उसकी बोल और मुस्कान पर,
हम दिल दे चुके सनम!
वह इतना पसंद आया कि
सब पुराने बीते पल भूल चुके हम !
दिमाग ने कुछ और चाहा
और दिल ने कुछ और ही ढूंढ निकाला !
बाद में यह समझ आया
दिल जिसे ढूंढता है,
दिमाग वहीं लगा रहता है
इसलिए आज तक यह समझ ना आया
दिल और दिमाग के बीच
यह दूरियां क्यों डाला ?
