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Ranjana Gupta

Romance

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Ranjana Gupta

Romance

कैसे कह दूं तुम्हें

कैसे कह दूं तुम्हें

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कैसे कह दूं तुम्हें

यह समझ नहीं आया

गलती तो तुम्हारी थी ही नहीं

और मेरी भी नहीं

यह बाद में समझ आया


करती हूं प्यार तुमसे बहुत

यह कब हुआ पता ही ना चला


इस बीच तुम्हें किसी

और के लिए कुछ करना

मुझे तरस नहीं आया


नासमझ की वजह से

नाराजगी भी तुम्हीं पर आया

कैसे कह दूं तुम्हें

यह समझ नहीं आया


आंसू निकले

दिल भी कुछ थम सा गया

कहीं ना कहीं यह पता चल गया

ईर्ष्या की भावना मन में आ गया

नाराजगी में घर छोड़ चली

बेखबर करे तुम्हें भी उदास कर चली


कैसे कह दूं तुम्हें

यह समझ नहीं आया

गलती तो तुम्हारी थी ही नहीं

और मेरी भी नहीं

यह बाद में समझ आया


दुनिया को बताया

मगर तुम ही से छुपाया

क्योंकि

कैसे कह दूं तुम्हें

यह समझ नहीं आया।


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