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Ranjana Gupta

Romance

4.7  

Ranjana Gupta

Romance

कैसे कह दूं तुम्हें

कैसे कह दूं तुम्हें

1 min
552


कैसे कह दूं तुम्हें

यह समझ नहीं आया

गलती तो तुम्हारी थी ही नहीं

और मेरी भी नहीं

यह बाद में समझ आया


करती हूं प्यार तुमसे बहुत

यह कब हुआ पता ही ना चला


इस बीच तुम्हें किसी

और के लिए कुछ करना

मुझे तरस नहीं आया


नासमझ की वजह से

नाराजगी भी तुम्हीं पर आया

कैसे कह दूं तुम्हें

यह समझ नहीं आया


आंसू निकले

दिल भी कुछ थम सा गया

कहीं ना कहीं यह पता चल गया

ईर्ष्या की भावना मन में आ गया

नाराजगी में घर छोड़ चली

बेखबर करे तुम्हें भी उदास कर चली


कैसे कह दूं तुम्हें

यह समझ नहीं आया

गलती तो तुम्हारी थी ही नहीं

और मेरी भी नहीं

यह बाद में समझ आया


दुनिया को बताया

मगर तुम ही से छुपाया

क्योंकि

कैसे कह दूं तुम्हें

यह समझ नहीं आया।


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