वाणी का प्रभाव
वाणी का प्रभाव
स्वच्छ हृदय, मधुरभाषी, विनम्र
और सत्यवादी बनना चाहिए ।
क्रोध और प्रतिशोध से अपनी
आत्मा को नष्ट न करें।
दूसरों के साथ तालमेल बिठाकर जिएं।
महीने में एक बार प्रतिदिन कुछ घंटे
मौन व्रत का पालन करें।
इससे जुबान पर अनुशासन रहेगा ।
बोलने से पहले दो बार सोचें,
इससे पहले कि आप एक शब्द बोलें।
आपके द्वारा बोले जाने वाले प्रत्येक शब्द
की शक्ति और इसे सुनने वालों के
दिमाग पर पड़ने वाले प्रभाव को जानें।
जुबान को दंगा न करने दें।
कुछ ऐसे शब्द बोलें जो
मधुर और प्रेमपूर्ण हों।
एक बार बोले गए शब्द को
वापस नहीं लिया जा सकता,
जैसे लक्ष्य पर भेजे गए तीर।
यह वाणी है जो क्रिया से
अधिक घाव करती है।