ऊर्जा तरंग
ऊर्जा तरंग
प्रकृति के रहस्य विज्ञान खोल रहा
भारतीय वेदान्त एवं विज्ञान निकट आ रहे ,
सब कुछ तरल है ऊर्जा है
क्वाण्टम में भी प्राण है जीवन है
क्वाण्टम में भी अनुभव है प्रतिक्रिया है,
विज्ञान प्रकृति की खोज है
तो अध्यात्म मानव मन की खोज है।
पर अब दोनों निकट आ रहे,
और एक ही तथ्य का विश्लेषण कर रहे।
जो वस्तु दिख रही है वह प्राण ऊर्जा है
वह ऊर्जा का घनीभूत रूप है।
आइंस्टीन ने भी यही कहा है
भौतिक पदार्थ ,पदार्थ नहीं है
वह तरंग है,विज्ञान भी मानता है कि
पदार्थ की अंतिम इकाई तरंग है,
ऊर्जा जब घनीभूत हो जाती है
तब वस्तु बन जाती है।
भगवती दुर्गा का जब आविर्भाव हुआ
तो वे शून्य से प्रकट हुईं ,
दुर्गा का स्वरूप
ऊर्जा का घनीभूत रूप है।
संकल्प से ऊर्जा एकत्र हुई
भोलेनाथ संकल्प से त्रिनेत्र बन जाते हैं।