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chandraprabha kumar

Inspirational

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chandraprabha kumar

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ज्ञान की आभा

ज्ञान की आभा

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शिकायत दुनिया से नहीं 

ख़ुद से करो,

ज़िंदगी हमारे सामने थी 

और हम दुनिया में उलझे रहे।


संभालकर करो 

समय और शब्दों का उपयोग,

यह दोबारा नहीं आते 

न ही दोबारा मौक़ा देते ।


विश्वास और प्रेम 

आचरण से प्राप्त होते,

स्वयं ही हैं आते 

प्रयत्न से नहीं पाए जाते।


जो मन को वश में करे

वही विजेता होता है,

अपने ज्ञान की आभा से ही

स्वतंत्रता प्रशस्त होती है ।


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