अलसाई दोपहरी ( हाइकु)
अलसाई दोपहरी ( हाइकु)

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१.
लॉन में दूब
नभ में सूर्य खिला
उल्लास भरा ॥
२.
अलस मन
ना गहमागहमी
ना भागदौड़ ॥
३.
अवकाश है
आराम फ़र्मा रहे
फुर्सत में हैं ॥
४.
फुदकती सी
चिड़ियों की चहक
मन को भाये ॥
५.
सपने लिये
मन है कहीं दूर
भागा भागा सा ॥
६.
मध्याह्न धूप
चम चम चमके
अलसाई सी ॥
७.
ख़ाली न बैठो
उठो कुछ काम लो
फ़र्ज़ निभाओ ॥