उत्सव
उत्सव
ज़िंदगी एक उत्सव है
चलो उत्सव मनाते हैं।
भूल कर रंग भेद जहाँ में
नई खुशियाँ मनाते हैं।
भूल कर दिलों की नफ़रत
आओ प्रेम बढ़ाते हैं।
निज आन मान मर्यादा से
निजप्रेमी सम्मान बढ़ाते हैं।
ज़िंदगी एक उत्सव है
चलो उत्सव मनाते हैं।
भूल कर रंग भेद जहाँ में
नई खुशियाँ मनाते हैं।
पीछे छोड़ दें गमों की बारात
चेहरे की हँसी बढ़ाते हैं।
अपनों का देदें साथ जब
अपनों को तब बतातें हैं।
ज़िंदगी एक उत्सव है
चलो उत्सव मनाते हैं।
भूल कर रंग भेद जहाँ में
नई खुशियाँ मनाते हैं।
