उस रब ने तुझे फुर्सत में बनाया
उस रब ने तुझे फुर्सत में बनाया
जब जब तुम ना मिले हमें तब हमने
खुद को यह कहकर है बहलाया,
की शायद खुदा ने मेरे लिए कोई बेहतर बनाया है,
उस खुदाा को हम कैसे समझाएं,
कि सुकून तो हमनेे बस तेरे पास ही पायाा है।
जब-जब करती चैन मैं आंखें बंद मेंं,
तब-तक बस तेरा ही चेहरा नजर आया है,
शायद कुछ तो कमी रही होगी हम में,
खुशनसीब होगा वह जिसमें आखिर में तुमको पाया है।
अफसोस तो बहुत हैै तेरे जाने का,
पर तेरे जाने ने ही मुझे बेहतर इंसान बनाया है,
तुझे देखने पर एक ही ख्याल आताा है,
कि जरूर उस रब ने तुझे फुर्सत मैंं बनाया है।