स्कूल के दिन
स्कूल के दिन
स्कूल लाइफ की होती ही है
कुछ अलग बात
पहले बचपन में
सोचते थे कि
यह स्कूल आखिर
खत्म कब होगा?
लेकिन अब लगता है कि काश
काशी लम्हे यहीं थम जाए,
ना कभी हम अलग हो, नाा कभी दूर जाए।।।
पहले बचपन में
मॉनिटर से डरा करते थे
लेकिन अब उन्ही मनिटर्स के साथ
बंक किया करते हैं
पहले हम बचपन में
टीचर्स के सामनेेे खड़ा होने में
डर लगता था
लेकिन अब तो
उन्हीं के साथ मस्ती करते हैं
टीचर्स के डेस्क पर बैठ कर
उन्हीं की एक्टिंग करते हैं
तुम वोश्रुम की पूछ कर
पुरा स्कूल घूमा करते हैं
बैक बैंचरस् की इज्जत
क्लास में सबसेेे ज्यादा होती है
टॉपर से पढ़ाई की
और बैकबेंचर्स से
मस्ती की बातें होती हैं
चाहे हर टीचर हम तीनो के
ग्रुप से परेशान थी
आए नहीं तुम्हारी दोस्त
बोलती भी वही थी
मेरे एबसेंंट होने पर
लौट के ना आएंगे यह दिन।।।