उफ्फ्फ ठंडी
उफ्फ्फ ठंडी
ठंडक विकट भई,
पौष माह नहीं मई,
स्वेटर पहनकर,
बाहर निकलिए।
मफलर लेना साथ,
हथमोजा में हो हाथ,
हवाओं से बचकर,
काम पर चलिए।।
गाजर बनाओ पाक,
बथुआ पालक साक,
बाजरे की रोटी संग,
मक्खन भी चखिए।।
मौसम हैं सर्द आया ,
स्नेहा' जी के मन भाया ,
राधे -राधे कह कर,
कृष्ण नाम जपिए।।