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Ervivek kumar Maurya

Romance Tragedy

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Ervivek kumar Maurya

Romance Tragedy

उनको ही खो आया हूँ

उनको ही खो आया हूँ

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आज भी उनके जैसा हो नहीं पाया हूँ

उनको खोने के बाद खुद को नहीं पाया हूँ।

वो मुझे रोकते-रोकते रह गये

मैं उनसे बहुत दूर निकल आया हूँ।

उन्होंने कुछ न कहा मुझसे कभी

मैं नासमझ जो उनसे नजरें चुरा के आया हूँ।


उनकी शायद कोई कमी थी ही नहीं

खुद ही गलतियों की गठरी बना आया हूँ।

मेरा नसीब तुझसे जुड़ा क्यों नहीं

जो खाली हाथ ले के चला आया हूँ ।

किसी को खोने का दर्द 'हेमू' से पूछो

उन्हें पा के उनको ही खो आया हूँ ।



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