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Rita Jha

Abstract Inspirational

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Rita Jha

Abstract Inspirational

उम्मीद

उम्मीद

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रोज़ भोर की पहली किरण 

नई उम्मीदें लेकर आती हैं।

बिखरती हुई सुनहरी किरणें

मन में नवल उत्साह जगाती हैं।

वह दिन अपना बन जाता है,

जब सूरज उगता नज़र आता है।

अलसाई भोर को सक्रिय बनाता है,

आगे बढ़ो, संदेश यही दे जाता है।

मन कितना तरो-ताजा हो जाता है,

जब भोर का सूरज सामने मुस्काता है।

खग वृंद नीर छोड़ उड़ान हैं भरते

दिनचर्या में लगो चहचहाते हुए कहते।

कुसुम अपनी खिलखिलाहट संग

हममें सदा मुस्काने की चेतना जगाते।

ओस की बूँदें ढुलकती हुई मानो कहती,

निशा ढली, कर्म शुरू करो मिलेंगे मोती।



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