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Vivek Madhukar

Inspirational

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Vivek Madhukar

Inspirational

उम्मीद

उम्मीद

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निराशा के अन्धकार में डूब रहा

पा रहे जब तुम खुद को

व्याकुल आँखें तुम्हारी ढूँढ रहीं चहुँ ओर

आशा की एक क्षीण किरण को।


पास नहीं तुम्हारे कोई रोजगार

यह वाइरस कर रहा भयाक्रांत या कि यह

संघर्ष ही संघर्ष जीवन पथ पर

धराशायी होने के कगार पर आ पहुँचा है व्यापार

दिन-प्रतिदिन, घर-बाहर बिगड़ते रिश्तों का

भंवर कर रहा परेशान,खोज रहा व्यथित मन

उम्मीद के दीये की टिमटिमाती लौ को।


कर रहा अंतर्मन आर्तनाद

डिग रहा तुम्हारा आत्मविश्वास

थम गए बीच राह में थककर

घोड़े मन के तो दौड़ रहे हर दिशा में

पर तन बैठ गया लाचार, हिम्मत हार।


याद रखना, ऐ दिल !

तुम एक इंसान हो

साथ हैं सब तुम्हारे

तन्हा नहीं तुम

हालात हैं मुश्किल, पर पुनः

उठ चलने को तुम हो काबिल।

हौसले बुलंद हैं तुम्हारे

और दिल मजबूत

इरादे हैं सुदृढ़

पथ भी है सहल।


महसूस करो अकेलापन कभी

मैं हूँ ना !

कर लेना दो बातें मुझसे

दिल से दिल की

 हारना मत, ऐ मेरे वीर !


निद्रा लेने लगेगी आगोश में

आज जब तुझे

सोचना पल भर को

अच्छाइयों के बारे में

उस सकारात्मकता के बारे में जो तुम,

सिर्फ तुम ला सकते हो जहान में

उस मुस्कुराहट के बारे में जो बिखेर सकते

हो तुम अनगिन चेहरों पर।


उम्मीद बंधाये रखना, ऐ दिल !

ये दुनिया तुम्हारी,

दुनिया की सारी खुशियाँ तुम्हारी हैं।


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