उम्मीद
उम्मीद
यूं तो सब बिखरा हुआ था सीने में,
न हौसला था, न अक्स था आईने में !
जब तू मिला तो उम्मीद जगी अरमानों में,
अब खुशियाँ ही खुशियाँ है दिल के गलियारों में!!
यूं तो सब बिखरा हुआ था सीने में,
न हौसला था, न अक्स था आईने में !
जब तू मिला तो उम्मीद जगी अरमानों में,
अब खुशियाँ ही खुशियाँ है दिल के गलियारों में!!