Laxmi Yadav

Inspirational

4.5  

Laxmi Yadav

Inspirational

उड़नपरी

उड़नपरी

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आँखों मे था जोश गजब का, 

चाल समय की धारा थी, 


नजरें थी नील गगन को छूने सी, 

तेजी थी कदमों मे हिरनी जैसी, 


पलक झपकते ही दूरी नाप जाया करती, 

मानों वो तो हवा से बातें करती थी, 


तिरंगा अपना शान से लहरा देती, 

देश- परदेश सभी मंच पर अपना जलवा दिखला देती, 


गर्व सदा है हमको इस विलक्षण नारी पर

एक निपट अकेली सदा भारी थी हर मुश्किल पर, 

  

वक्त की साँसे रुक जाती थी, 

भारत की हर नारी जश्न मनाती थी, 

हमारी उषा जब दौड़ लगाती थी..... 


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