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Nikita Naresh

Abstract Others

4  

Nikita Naresh

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त्यौहार अपनेपन का

त्यौहार अपनेपन का

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आ गया ऐसा त्यौहार,

जिसका था सबको इंतजार.

रंगो की होगी बौछार,

जब साथ होगा पूरा परिवार।

नये अंदाज़, नये ढंग से,

खेलेंगे खूब उमंग से।

नीला, लाल, हरे, गुलाल,

सबका होगा हाल बेहाल.

जब चढ़े नशा भांग का,

होश ना हो कहीं का.

नाचे सभी जोश मैं,

और बुलाये सबको अपने अघोष में।

गुब्बारे और पिचकारियों से जमेगा रंग,

जब खेलेंगे सब संग-संग.

क्या त्यौहार सबके जीवन में शांति और ख़ुशी है,

सभी को होली का ये रंगीन त्यौहार मुबारक हो।


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