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Om Prakash Fulara

Abstract

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Om Prakash Fulara

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त्याग

त्याग

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हो त्याग सदा पन्ना जैसा,

निज धर्म पे लाल गवाँ दिया।


रख पत्थर निज उर पर उसने

निज बेटे का बलिदान दिया।


नित भाव त्याग के रख उर में,

सतपथ पर जो नर चलता है।


फल निज कर्मों का उसको ही,

हर पग पग पर नित मिलता है।


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