तुमसे मिलकर हमने अपना
तुमसे मिलकर हमने अपना
तुमसे मिलकर हमने अपना, सब कुछ तुम पर वार दिया ।
साथ हमारे चलकर तुमने, प्यार मेरा स्वीकार किया ।
स्वर्ग से सुंदर धरा लगे, जब साथ हमारे चलते थे ।
हाथ पकड़कर जब हम दोनों, पग-पग संग में चलते थे ।
बड़ी मुसीबत आई ऐसी, कुछ भी तो ना कर पाए ।
संग में रहकर संग तुम्हारे, एक पग हम ना चल पाए ।
यादें आती हमको हर पल, क्या-क्या हमने खोया है ?
आहें भरती रहती सांसे, नम आंखों से रोया है ।
जाग-जाग कर रात-रात भर, रातें हमने गुजारी हैं ।
इन रातों में बसती यादें, कुछ तेरी और हमारी हैं ।
सात जन्म तक साथ चलेंगे, कुछ पल भी ना चल पाए ।
हम इस जीवन में भी अपना, प्यार सफल ना कर पाए ।
कुछ पल भी ना हम से कटते, सालों कैसे काटेंगे ।
दूरी तुमसे इतनी बनाकर, कैसे उमर गुजारेंगे ।
सूना सूना लगता है सब, सब कुछ अपना खो बैठे ।
जब जब याद तुम्हारी आई, नम आंखों से रो बैठे ।
लाख दुआएं मांगी हमने, फिर भी तुम ना मिल पाए ।
मिलना तेरा-मेरा सजनी, मंदिर भी ना कर पाए ।
अब तो तय है जीवन मेरा, कुछ ही दिनों का साथी है ।
शायद तेरा मेरा मिलना, बस इतना ही काफी है ।
कोई गिला-शिकायत मुझसे, साफ-साफ तुम कह देना ।
गर हो जाए कोई गलती, बस थोड़ी सी सह लेना ।
'सहज' तेरी रूकती है धड़कन, बस जल्दी से रुक जाए ।
तेरी-मेरी प्रेम कहानी, और यहीं पर थम जाए ।
माँगूँ विदा मैं तुझसे सजनी, साजन तेरा ना बन पाया ।
और तेरी दुनिया में आकर, बस तुझको ही तड़पाया ।
खुश रहना तुम हंस कर रहना, रोना खूब चाहता हूँ ।
लिपट धरा की गोद में सजनी, सोने को मैं जाता हूँ ।
वक्त मिला जो उससे मिलकर, और दुआएं माँगूँगा ।
अगले जन्म में साजन बनकर, संग संग चलना चाहूंगा ।