Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sudhi Siddharth

Romance

5.0  

Sudhi Siddharth

Romance

तुम्हारा कैनवस, मेरी तस्वीर

तुम्हारा कैनवस, मेरी तस्वीर

1 min
400


कल रात कुछ तो लिख रही थी मैं

अपनी उंगलियों से

उस कैनवस पर

जिस पर मेरी तस्वीर बनाई थी तुमन

ये हक़ीक़त थी या मेरे माज़ी की शरारतें

कौन फ़ैसला चाहता था?


मैं और तुम

ख़ुश रंगो मे डूबे

तुम्हारे हाथ

गवाह रहेंगें हमारे

रब्त के

बस इतना ही काफी है

है ना...


उस एक लम्हे में नई सी

हो गयी थी मैं

तुम्हारे बदन की सौंधी सी खुशबू

लिपट कर मेरे वजूद से

महफूज़ और भी महफूज़

कर रही थी मुझको।


तुम्हारी आवाज़ की सिलवटे लिए हवाएं

मुझे छूकर गुज़री

पूछ रही थी

ये फीका सा तुम्हारी आँखों का रंग

अच्छा नहीं लगता मुझको

इज़ाज़त हो तो

थोड़ा सा गहरा कर दूं क्या ?


मैं और मेरी ख़ामोशी

खो गए थे तुम्हारे आग़ोश मे

बिना कुछ बोले

ये तस्वीर आज भी अधूरी है।


अब आँख खुली है

सारा कैनवस जला हुआ है

ख़ाक ही ख़ाक है कमरे में

बाकी है तो बस

मेरे माथे पर तुम्हारे होठों का लम्स

और तुम्हारा नाम।


जो कल रात लिख रही थी मैं

अपनी उंगलियों से

उस कैनवस पर

जिस पर मेरी तस्वीर बनाई थी तुमने।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance