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Madhu Vashishta

Abstract Inspirational

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Madhu Vashishta

Abstract Inspirational

तुम से अच्छा।

तुम से अच्छा।

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तुम से अच्छा कौन है?

सबके जो पूर्ण करता काज।

मीरा के गोविंद ,राधा के कन्हाई

सत्यभामा और रूक्मिणी के प्राणनाथ।

इस भवसागर से पार हुए वो

जिसने लीन्हा तेरा नाम।

जाति पाति का भेद नहीं,

हो गए तुम्हारे, जिसने लिया तुम्हारा नाम।

सूरदास जी के गोपाल, रसखान जी के भी तुम ही सखा भगवान।

कृष्ण प्रेम में डूबा जो भी

भवसागर से पार उसे ही जान।

तुमसे अच्छा कौन जहां में,

जिसको लें हम अपना मान।

प्रभु शरण में अपनी ले लो।

हमको अपना बालक मान।

प्रभु दुर्गुणों को दूर करो तुम।

सदा जपे हम तेरा नाम।

प्रभु तुम्हारी लीला न्यारी।

सुदामा से भी तुम्हारी यारी।

सिंहासन से भाग के आए

लिया सुदामा को पहचान।

सबकी बिगड़ी तुमने बनाई।

जीवन जीने की रीत सिखाई।

संसार को दिया तुमने गीता का ज्ञान।

प्रभु तुमसे अच्छा कोई नहीं।

शरणागत तुम्हारी आया मैं कान्हा।

ले लो मेरा हाथ भी थाम।

 


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