तुम मेरी पूरी सृष्टि हो !!
तुम मेरी पूरी सृष्टि हो !!
तुम तृष्णा की तृप्ति हो
मेरे जीवन का सार।
मेरी दीर्घ अभिलाषा तुम
मेरे हर्ष अपार ।।
तुम नैनों की पुष्टि हो
मेरी पूर्ण संतुष्टि हो।
मेरे इस रुक्ष स्वरूप जीवन में
प्रेम स्नेह की वृष्टि हो ।।
हे प्रिये अब मैं क्या कहूं
तुम्हें प्रेरणा समझ मैं क्या लिखूं ।
मुझे तो बस इतना ज्ञात हुआ
तुम मेरी पूरी सृष्टि हो ।।

