Nikita Sikdar

Romance

4  

Nikita Sikdar

Romance

तुम मेरे नहीं हो सकते !

तुम मेरे नहीं हो सकते !

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तुम्हें सोचने भर से मेरे दिल का पेसमेकर 

उल्लासित हो उठता है

ये कभी ना पूरे होने वाले सपने दिन में ही

देखने लगता है

सोचता है जब पतझड़ का मौसम होगा तेरे

हाथों में मेरा हाथ होगा, हम गुजर रहें होंगे कोलकाता की किसी गली से उस शिमुल के

पेड़ को देखते हुये जहां कई अपनी यादें बना रहें होंगे

तभी तुम एक फूल लाकर मुझे देते हो मैं थोड़ा

मुस्कुराती हूँ और उसे मेरे हाथ में रखी किताब I T00 had a love story के पन्नों में हमेशा के लिये

सहेज कर रख देती हूँ


लो विक्टोरिया पहुँच गये हम, तुमने बोला था ना

यहाँ घास के मैदान में बैठकर तुम्हें मेरे साथ उस दूर चांद को, उस बादलों से भरें आसमान को घंटों निहारना है, लेकिन मैं तो अभी भी वो किताब हाथ में लिये उस दूर खड़े गुड़िया के बाल बेचने वाले को देख रही थी जिसका बस एक पैकेट नहीं बिका था


फिर अचानक से जोरों की हवा चलने लगी, बचे खुचे जो पेड़ो के पत्ते थे वे भी ज़मीन से आ मिले

हल्की सी बारिश होने लगी, सौंधी मिट्टी की खुशबू, तुम और मैं -

जो कुछ देर बाद सपना टूटते ही उड़न छू

मैं अभी भी बिस्तर पर लेटे हुये ceiling पे लगे

 तारो को देख रही हूँ जहां चाँद और बादल नहीं है ---


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