तुम ही हो !
तुम ही हो !
प्यार करता हूं तुमसे, क्या गलत करता हूं
मरता हूं तुम पे, बस तुमसे ही जीता हूं।
हर गलती की सजा मौत नही होती
चहता हू तुमको बेपंहा, बस तेरा इंतज़ार करता हूं।
तेरा प्यार है जिन्दगी मेरी
बन्दगी है मेरी, खुशनसीबी मेरी।
बेइंतहा खयाल रखना चहता हूं जिन्दगी भर तेरा
तू ही मेरी जान है, तू है आरजू मेरी।
माफ करके गलती मेरी वापिस तू आजा
आ के मेरे दिल को, मेरे घर को सजाजा।
बिना बात किये तुमसे, जिन्दगी नहीं होती
तुम ही दिल का चैन हो, तुम्हीं खुशी मेरी।
इतना भी दर्द देना ठीक नही
एक मेरी छोटी सी भूल को
भगवन हो तुम माफ कर सकती हो, जो चाहो,
चाहत हो मेरी तुम, तमन्ना हो मेरी।

