तुझको
तुझको
बड़ी हसरत से देखती है ये नज़र तुझको,
देख के रुक जाता घड़ी का गज़र तुझको!
ख़ुद की इस ज़िन्दगी को तन्हा मत समझ,
तेरे दीवानें हैं बहुत, है क्या ख़बर तुझको?
मोहब्बत ने किया है मुझे ग़ाफ़िल, "क़ैस",
हो रहा है इस मदहोशी का असर तुझको!
मैं ख़ानाबदोश घूमता रहा, यहाँ और वहाँ,
तू मिली तो माना हयात का रहबर तुझको!
बड़ा मुश्क़िल होता है वक़्त, जुदा होने का,
जाने से पहले देखा करूँ मैं मनभर तुझको!
तू हो कहीं और मैं बस जाऊँ अगर कहीं तो,
राहों में मिला ही करेंगे हम, अक्सर तुझको!
