pawan mohakul

Romance

4.5  

pawan mohakul

Romance

तुझको याद रखने में सारा जमाना भूल जाता हूं

तुझको याद रखने में सारा जमाना भूल जाता हूं

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तेरी बातें याद रखता हूं बाकी हर फसाना भूल जाता हूं

एक तुझको याद रखने में सारा जमाना भूल जाता हूं।


तेरी दिए हर गम को में पलकों पे सजा रखता हूं

मैं दर्द में भी मुस्कुराता हूं आंसू बहाना भूल जाता हूं।


मैं उदास जब भी होता हूं तेरा हँसना याद करता हूं

तेरी मोहब्बत याद करता हूं तेरा सताना भूल जाता हूं।


तेरी यादों में शाम - ओ- सहर में फिर रहा हूं दर - बदर 

तुझे ढूंढता हूं इस कदर में अपना ठिकाना भूल जाता हूं।


तेरी खयाल से चमक उठता है मेरा दिल के सभी अंधेरे

तेरी यादों में जब भीगता हूं मौसम सुहाना भूल जाता हूं।


जहां मिलते थे हर शाम उस दरिया के किनारे पर

तेरी नाम लिखता हूं रेत पर फिर मिटाना भूल जाता हूं।


हर रोज ये सोचता हूं में तुझको भूल जाऊंगा मगर 

मैं खुद को भूल जाता हूं तुझको भुलाना भूल जाता हूं।



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