तुझे कैसे भूलूं
तुझे कैसे भूलूं
ऐ बेवफा तुझे भुलाया नहीं जाता,
जो लगाया दाग तूने वो छुपाया नहीं जाता।
वो मेरा रूठना तेरा मनाना,
छत पे आना बिगों में जाना,
तेरी कसम भुलाया नहीं जाता।
वो इंतजार के दिन, वो मुलाकात की रातें,
वो प्यार के गीत वो वफा की बातें,
उड़ा ले गई नींद को रातों में सोया नहीं जाता।
कभी हम शम्मा थे और तुम परवाने,
कभी हम हुस्न थे, और तुम दीवाने,
जो दीप जलाया था प्यार का उसे बुझाया नहीं जाता।
अब तो हो गई है जिंदगी विरान '"निशा"
जिसे बहारों में सजाया नहीं जाता।
