चेतावनी
चेतावनी
इतना भी न सताओ,के शैतान बन जाऊं
थोड़ा-सा प्यार देदो तो इंसान बन जाऊं।
मेरे आगोश में तूफानों के मेले हैं,
गम की आंधियां ,वक्त के थपेड़े है।
अब अगर ख़ामोश रहा समंदर तो,
मैं कहीं बवंडर न बन जाऊं।
थोड़ा-सा प्यार देदो तो इंसान बन जाऊं।
वैसे तो इंसानों ने ही जन्मा था मुझे,
लेकिन पाषाणो ने पाला है।
ज्वालामुखी ने की है परवरिश मेरी,
भूचालो ने सम्हाला है
गर द्वेष की आंधी ने ललकारा मुझे,
कहीं वज्रपात न कर जाऊं।
थोड़ा-सा प्यार देदो तो इंसान बन जाऊं।
मै तुम्हारे सीने का वो जख्म हूं, जो आज भी हरा है।
हालातों की चोट से होता गया गहरा है।
वक्त की मरहम है,भर डालो उसे,
दोष नहीं देना गर नासूर बन जाऊं।
थोड़ा-सा प्यार देदो तो इंसान बन जाऊं।
फूलों से यारी कभी हो ना सकी,
कांटों ने दामन सम्हाला है।
शबनम की तरह दिल में,शोलो को हमनें पाला है।
चिंगारी हूं बारुद से दूर ही रखना,
कोई विस्फोट न कर जाऊं।
थोड़ा-सा प्यार देदो तो इंसान बन जाऊं।
मर मर के जीने की आदत सी हो गई है,
हर ज़ख्म दिल का सीने की आदत सी हो गई है।
ये मोहब्बत के मालिक देर न कर आजा,
तेरे इंतज़ार में कहीं, जीते जी न मर जाऊं
थोड़ा-सा प्यार देदो तो इंसान बन जाऊं।
