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Prem Kumar Shaw

Abstract

4.1  

Prem Kumar Shaw

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तस्वीर

तस्वीर

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प्रेम,

जिसमें मैं 

असफल हो चुका हूँ

उनके लिए लिखी गई

कविताएँ अब डायरी के

पन्नों में तस्वीर बन जाएंगी


और समय-असमय

उनसे मेरी निगाहें मिलेंगी,

कभी-कभी उनके

अंदर छिपे अर्थों से भी 

मुलाकात हो जाएंगी,


पर वें अर्थ तब 

कमजोर पड़ गये होंगे

इन बीतते दिनों के साथ

जो तस्वीर बनने से 

पहले थी।


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