Prem Kumar Shaw
Abstract
एक खुली आस्माँ है
आसमाँ में पूरा जहाँ है
उस जहाँ को देखती है
मेरी एक जोड़ी आँखें
और अपने अनुसार
एक आकार,एक रूप,
एक जगह बना लेती है ठहरने की।।
अभिलाषा
चिड़िया
एक पुष्प मेरे...
स्मृति
तस्वीर
घर
सिहरन
आँखें
अमानव
स्त्री_
माँ ने अपने आंचल की छांव में सुलाया इसलिए अब रोज खुश हूं। माँ ने अपने आंचल की छांव में सुलाया इसलिए अब रोज खुश हूं।
दिल के एहसासों को तोलती है मन की मुरादें फूट पड़ती है, आँखें कहाँ चुप रहती है आईने सी इठला... दिल के एहसासों को तोलती है मन की मुरादें फूट पड़ती है, आँखें कहाँ चुप रहती...
आलसी कहते हैं हमें सभी भला ये भी कोई बात है क्या बताएं ये कैसा राज है। आलसी कहते हैं हमें सभी भला ये भी कोई बात है क्या बताएं ये कैसा राज है।
बस ऐब इस बात का है कि ना उन लब्जों में क़ैद वो लम्हा थमता है और न ही उन लम्हों में क... बस ऐब इस बात का है कि ना उन लब्जों में क़ैद वो लम्हा थमता है और न ही...
यह सिखाती है प्रकृति का जतन कैसे करे हाय ये मौसम की बारिश ! यह सिखाती है प्रकृति का जतन कैसे करे हाय ये मौसम की बारिश !
भूलने वाली चीज़ नहीं मैं ताउम्र उसकी स्मृतियों की संदूक में रहूँगी जलती धूनी सी। भूलने वाली चीज़ नहीं मैं ताउम्र उसकी स्मृतियों की संदूक में रहूँगी जलती ...
जीवन कला ये, संघर्षों को जीना, दर्द कभी हो, तो क्या, एक कविता और बन जाये ! जीवन कला ये, संघर्षों को जीना, दर्द कभी हो, तो क्या, एक कविता और ...
मुस्कुराना है जरूरी जीने के लिए, रोज़ एक नकली हँसी चेहरे पे लगता हूँ मैं कोई पढ़ ना ले कहीं इ... मुस्कुराना है जरूरी जीने के लिए, रोज़ एक नकली हँसी चेहरे पे लगता हूँ मैं ...
बहुत हो चुका तू मेरा या नहीं तू किसी का हुआ क़्या, ये बात कर। बहुत हो चुका तू मेरा या नहीं तू किसी का हुआ क़्या, ये बात कर।
अंत को देख मैं क्या रुक जाऊँ, क्या थक जाऊँ, या उस अनंत को देख, मै जी जाऊँ, मै उड़ जाऊँ। अंत को देख मैं क्या रुक जाऊँ, क्या थक जाऊँ, या उस अनंत को देख, मै जी जा...
ये जिंदगी का पहिया कुछ इस क़दर चला है, ये शाम होते ही मायूसी का दौर साथ चला है। ये जिंदगी का पहिया कुछ इस क़दर चला है, ये शाम होते ही मायूसी का दौर साथ चला ह...
अजब तमाशा प्रभु तेरा संसार, डोर तेरे हाथ, मैं ठुमकना भूल गया। अजब तमाशा प्रभु तेरा संसार, डोर तेरे हाथ, मैं ठुमकना भूल गया।
गुरु की मुस्कुराहट देख शिष्य का दिल खुश हो जाता है, वह लगाव है। गुरु की मुस्कुराहट देख शिष्य का दिल खुश हो जाता है, वह लगाव है।
जीवन का शेष अंश ऐसे ही निकल जाएंगे तुम 75 की हो जाओगी पता ही नहीं चलेगा ! जीवन का शेष अंश ऐसे ही निकल जाएंगे तुम 75 की हो जाओगी पता ही नहीं चलेगा...
आँख मूंद, विचारों को आकार देती हैं यादें जुगनुओं संग, बोलती हैं खामोश रातें। आँख मूंद, विचारों को आकार देती हैं यादें जुगनुओं संग, बोलती हैं खामोश रातें।
सम्मान सबको दें बराबर शालीनता की बात से ! सम्मान सबको दें बराबर शालीनता की बात से !
ना उम्मीद किसी से कोई ना जोश -ए -जुनूँ ना बेज़ारी ही कोई ना ख़्वाहिशों का सैलाब ना उम्मीद किसी से कोई ना जोश -ए -जुनूँ ना बेज़ारी ही कोई ना ख़्वाहिशो...
पहला पायदान भी, मंज़िल पाने का सबब है, तो फ़िर क्यों नहीं, हर कदम पे खुशियाँ मनाये हम। पहला पायदान भी, मंज़िल पाने का सबब है, तो फ़िर क्यों नहीं, हर कदम पे खुशिया...
दुनिया की साजिशों से एक रोज लड़ना भी सीख जाऊंगा ! दुनिया की साजिशों से एक रोज लड़ना भी सीख जाऊंगा !
कई पत्ते भी संग ले गई देखता हूँ फूल भी नीचे बिखरे, कीचड़ बन रहे डाली उखड़ कहीं दूर गिरी, ... कई पत्ते भी संग ले गई देखता हूँ फूल भी नीचे बिखरे, कीचड़ बन रहे डाली उखड़...