Jalaj Dubey
Tragedy
हर एक मुश्किल से अकेला लड़ जाता हूँ,
गर प्यार से पुकारे कोई तो डर जाता हूँ।
और तन्हाई का इस कदर आदी हो चुका हूँ,
कोई साथ दे दे गर तो बिखर जाता हूँ।
हमसे ना हो सक...
ख़ुमारी
तन्हाई
आफ़ताब
तुम्हें पता है कि मैं तुम्हें अपने दिल से बहुत प्यार करती हूँ. तुम्हें पता है कि मैं तुम्हें अपने दिल से बहुत प्यार करती हूँ.
खैर इश्क़ की राह में कोई पलता है...2 तो कोई पल-पल जलता...! खैर इश्क़ की राह में कोई पलता है...2 तो कोई पल-पल जलता...!
इंसान के श्रेणी से उसे बाहर निकाल दिया जाता है इंसान के श्रेणी से उसे बाहर निकाल दिया जाता है
जरूरतें ना बढ़ाई हमने कभी बेकार के सामान से परेशान हो गए हैं हम । जरूरतें ना बढ़ाई हमने कभी बेकार के सामान से परेशान हो गए हैं हम ।
क्या लिखूँ में अपने बारे में मुझे कुछ समझ नहीं आता। क्या लिखूँ में अपने बारे में मुझे कुछ समझ नहीं आता।
कुछ लोग खा लेते हैं गम को कुछ लोग खा लेते हैं गम को
इशारों में बातें सीखीं तुम्ही से, नैनों की भाषा में उलझे तभी से, इशारों में बातें सीखीं तुम्ही से, नैनों की भाषा में उलझे तभी से,
हुई प्राप्त शांति सन्नाटे में, बाजे मृत्यु मृदंग झन्नाटे में। हुई प्राप्त शांति सन्नाटे में, बाजे मृत्यु मृदंग झन्नाटे में।
ज़ख्म सीने पे अब भी लगे हैं, चोट खायी थी कैसे बताएँ कुछ ज़ख्म सीने पे अब भी लगे हैं, चोट खायी थी कैसे बताएँ कुछ
माना ठोकर खाई है बहुत दफा लेकिन हर बार कुछ नया ही सीखा माना ठोकर खाई है बहुत दफा लेकिन हर बार कुछ नया ही सीखा
आज कल तुम बहुत भाव खा रहे हो लग रहा है मुझे भूले जा रहे हो. आज कल तुम बहुत भाव खा रहे हो लग रहा है मुझे भूले जा रहे हो.
उनके आने से उफ़, जाने से आह निकलती है उनके आने से उफ़, जाने से आह निकलती है
वो खुशियों का जहाँ बसाया जो हमने उसमें ही हर पल जीना अच्छा लगता है। वो खुशियों का जहाँ बसाया जो हमने उसमें ही हर पल जीना अच्छा लगता है।
तोड़ा तो दिल मेरा, पर यह आंसू हैं सबके। तोड़ा तो दिल मेरा, पर यह आंसू हैं सबके।
धन, दौलत, ताकत, जितना निचोड़ना था, निचोड़ लिए, बस जान बाकी है. धन, दौलत, ताकत, जितना निचोड़ना था, निचोड़ लिए, बस जान बाकी है.
अंधविश्वास में उलजे लोग त्योहार कहा मना पाते हैं। अंधविश्वास में उलजे लोग त्योहार कहा मना पाते हैं।
क्या कहें ? कि अब तो, सारे लफ्ज़, धुंधले पड़ गए हैं! क्या कहें ? कि अब तो, सारे लफ्ज़, धुंधले पड़ गए हैं!
चुपचाप नजरें झुका कर, खड़े हैं उनके सामने हकीकतों को बनकर अब, जज़्बात रहने दो…. चुपचाप नजरें झुका कर, खड़े हैं उनके सामने हकीकतों को बनकर अब, जज़्बात रहने दो…...
चुभा कांटा सा दिल में, उनका ये अंदाज़ देखा तो। चुभा कांटा सा दिल में, उनका ये अंदाज़ देखा तो।
दर्द की बेचैनी को तराश कर अल्फाज तक ले आये दर्द की बेचैनी को तराश कर अल्फाज तक ले आये