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Pearl Jain

Tragedy Crime Inspirational

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Pearl Jain

Tragedy Crime Inspirational

तकलीफ

तकलीफ

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मैंने कहा,

हां, है मुझे तकलीफ, उन लोगों से, 

जो धर्म के नाम पर ले लेते हैं दूसरों की जान!

 हां, है मुझे तकलीफ उन लोगों से,

 जो खुद सक्षम होकर भी नहीं कर पाते,

 बेसहाराओं का कल्याण !


 हां, है मुझे तकलीफ उन लोगों से ,

जो भरा पेट होने पर भी, एक अन्न का दाना,

 दूसरों को देने से कतराते हैं,

 ऐसे गाफिल लोग तो हर घर में पाए जाते हैं !


हां, है मुझे तकलीफ उन लोगों से,

 जो खुद के मतलब के लिए,

 पेड़ों और जानवरों का सहारा लिया करते हैं !

 हां, है मुझे तकलीफ उन लोगों से,

 जो हिंसा झूठ और चोरी को बढ़ावा दिया करते हैं !


 हां, है मुझे तकलीफ उन लोगों से,

 जो ऊंच-नीच का आडंबर ओढ़ लिया करते हैं !

पर सच तो यह है कि,


ना तू बड़ा ,ना मैं बड़ा ,है बड़ा तो बस भगवान !

जग की मोह माया में पड़कर ही ,

अब तक भटक रहा इंसान! अब तक भटक रहा इंसान !


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