तिरंगा
तिरंगा
जो तीनों रंगों में रंगा है
जिसकी छाँव में देश रहता हैं।
जिसको पाने के खातिर।
अपना खून बहा दिया।
वो वस्त्र ही नहीं पवित्र गंगा,
से भी गंगा है।
यही मेरा तिरंगा है।
जो तीनों रंगों में रंगा है
जिसकी छाँव में देश रहता हैं।
जिसको पाने के खातिर।
अपना खून बहा दिया।
वो वस्त्र ही नहीं पवित्र गंगा,
से भी गंगा है।
यही मेरा तिरंगा है।