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sandhya kashyap

Romance

4.0  

sandhya kashyap

Romance

तेरी ये रूहानी

तेरी ये रूहानी

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आँखों के रस्ते 

दिल में उतर के,

मन के तारो में उलझे मेरे 

सपनो को बुन के, 

तुने छेड़ दी ये धुन मस्तानी


मैं तो तेरी ही दीवानी 

मैं तो तेरी ही दीवानी

चाहे जग छूट जाए 

न छूटे, तेरी ये रूहानी (x 2)


हाथो में यूँ तेरा हाथ 

बन के हवा मेरे साथ

सांसो में घुला घुला सा

नशा ये, है 

चढ़ा चढ़ा सा

मेरे दिल की ये है मनमानी

जो बोले करती ही जाये 

ये नादानी...


मैं तो तेरी

ही दीवानी 

मैं तो तेरी ही दीवानी

चाहे जग छूट जाए 

न छूटे, तेरी ये रूहानी (x 2)


मन्नतो का दौर देखो 

कैसा है ये मोड़ देखो 

दुआ मांगी जो मिली वो 

किस्मत खाक कि खुलीं जो 

बोली...

तुझको निहारु, बस मैं तुझे ही पुकारू 

तेरी मेरी ये एक ज़िंदगानी 

चलती जाये न रुके ये कहानी, 


मैं तो तेरी ही दीवानी 

मैं तो तेरी ही दीवानी

चाहे जग छूट जाए 

न छूटे, तेरी ये रूहानी (x 2)


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