तेरी याद
तेरी याद
वैसे तो हर पल ढुंढती है तुझे निगाहें मेरी,
पर आज कुछ ज्यादा सता रही है याद तेरी।।
यूं तो मौसम है उमर भरी गरमी का,
पर गरमी में सुकुं देती है याद तेरी।।
बादल के गरजने से वो तेरा सिहर जाना,
आज फिर बादल की गरजन ने दिलाई याद तेरी।।
बारिश आते ही बच्चों सा चहक कर वो खिलना तेरा,
बारिश में खेलते नन्हें बच्चों ने दिलाई याद तेरी।।
बारिश से भींगे बालों का वो झटकना तेरा,
खिड़की से छिटकते बूंदों ने दिलाई फिर याद तेरी।।
सोचता हूं कहीं नजर ना लग जाये,
फिर आई गालों में तिल की याद तेरी।।
वैसे तो हर पल ढूंढती है तुझे निगाहें मेरी
पर आज कुछ ज्यादा सता रही है याद तेरी।।