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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Classics Fantasy

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Classics Fantasy

तेरह दिन

तेरह दिन

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जन्म ,जीवन, मृत्यु सुनहरे

त्रिकोण में तेरह दिन।।

कभी खुशियों की किरणों

आभा से स्पंदित हृदय

प्रफुल्लित मन।।


भय, भ्रम ,संसय में चलता

बीत रहा सुनहरे त्रिकोण

का तेरह दिन।।


गम, आंसू, खुशी, मुस्कान

संग साथ मिलने और

बिछड़ने परिवार, परम्परा,

परिवेश, परिस्थितियों के

सुनहरे त्रिकोण का पल 

पहर दिवस संध्या में तेरह दिन।।


सुनहरे त्रिकोण में प्रेम,

घृणा ,द्वेष ,दंभ युद्ध शांति

उपलब्धि अविनि अवनति

सुनहरे त्रिकोण में तेरह

दिन।।


करुणा, सेवा, त्याग, तपस्या

छल, छद्म, पदम् पग 

उद्देश्य ,अनुभूति ,ज्ञान, वैराग्य

राग ,रागिनी सुनहरे त्रिकोण

में तेरह दिन।।


एक तीन का संग साथ

संयोग योग का चार अभिव्यक्ति,

विचार सुनहरे त्रिकोण में तेरह 

दिन।।


अभ्युदय ,अवसान, अद्भुत,

चर्मोत्कर्ष चमत्कार के दिन

अविरल अविराम लेता एक

दिन पूर्ण विराम।।


जन्म में बजते ढोल मृदंग थाल

शहनाई विरह वियोग बसती 

उजड़ती दुनियां का भाव भाष्य

तेरहवीं की विदाई सुनहरे त्रिकोण

का तेरह दिन।।


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